कोरोना के सहारे दुनिया पर कब्जा करने की फिराक में चीन

दुनिया पर कब्जा करने के लिए चीन ने ही जैविक हथियार कोरोना वायरस बनाया है। कोरोना की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था को तबाह हो गई है। दुनियाभर के देश कोरोना से जंग लड़ रहे हैं और अब तक 30 हजार से अधिक लोग मर चुके हैं। इसके तेजी से फैलते संक्रमण से न जाने अभी और कितने लोग मारे जाएंगे। दिसम्बर 2019 में सबसे पहले चीन के हुबेई प्रांत के वुहान में कोरोना वायरस के फैलने की खबर आई थी। चीन की सरकार का कहना है कि वहां 3 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। तीन महीने बाद अब चीन में संक्रमण का नामोनिशान नहीं है। अमरीका के राष्ट्रपति ट्रम्प कोरोना वायरस के लिए बार बार चीन को जिम्मेदार बता रहे हैं। ट्रम्प चीन को ऐसे ही दोष नहीं दे रहे हैं। जहां दुनियाभर की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो गई है वहीं चीन फिर से खड़ा हो गया है। वहां कारखाने, मॉल्स, बाजार फिर से खुल चुके हैं। वुहान में भी लॉकडाउन खुलने वाला है। जब आज दुनिया के शेयर बाजार गिर गए हैं तो चीन कोड़ियों के भाव में उन्हें खरीद रहा है


कोरोना से चीन में हुए नुकसान के बारे में दुनिया सिर्फ उतना ही जानती है जितना चीन की सरकार ने दिखाया है। वहां की सरकार चीन में मरने वालों के आंकड़े छुपा रही है। चीन की सरकार का कहना है कि वुहान के वेट मार्केट के कारण कोरोना वायरस फैला है। कभी इसकी जननी चमकादड़ को बताया जा रहा है तो कभी पैंगोलिन को। जबकि वुहान के कुछ किलोमीटर दूर ही लैब है जहां यह वायरस बनाया गया है। एक साजिश के तहत कोरोना वायरस को इस लैब से बाहर निकाला गया। चीन की सरकार ने पहले  वुहान में ही इसका प्रयोग किया। जब वुहान के लोगों पर यह काम करने लगा तो वुहान सहित हुबेई प्रांत को लॉकडाउन कर दिया गया। अपनी साजिश के तहत चीन ने वुहान से कुछ लोगों को इटली, ईरान, स्पेन, अमरीका सहित कई देशों में भेज दिया ताकि दुनिया के दूसरे देशों को आसानी से इस वायरस की जद में लिया जा सके।


चीन ने पहले एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने से किया था इनकार

चीन ने पहले कोरोना वायरस को एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने से इनकार किया था। WHO को भी यही बताया था। लेकिन जल्द ही चीन की यह पोल भी खुल गई। दुनिया में जितने भी लोग कोरोना से मारे गए हैं उसके लिए सिर्फ चीन ही जिम्मेदार है। अगर दुनिया को पहले ही यह बता दिया जाता कि यह संक्रमण एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है तो सभी देश ऐसी व्यवस्था करते कि जो भी विदेश से उनके देश में आ रहा है उन्हें क्वारन्टीन में रखा जाता। इससे उनके दुनिया में इस तरह कोरोना वायरस नहीं फैलता।

डॉक्टर की हत्या हुई या संक्रमण से मरा

वुहान में जिस डॉक्टर को सबसे पहले कोरोना वायरस के बारे में पता चला था उसकी मौत कोरोना से हुई है। चीन की सरकार तो यही बयान दे रही है। लेकिन जब डॉक्टर ने चीन की सोशल साइट पर सबसे पहले यह बताया था कि उन्हें सार्स जैसे वायरस का पता चला है तो चीन की पुलिस ने झूठी अफवाह फैलाने के जुर्म में उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया और पुलिस हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टर की मौत कैसे हुई अब तक भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।

पूरा चीन कैसे बच गया वायरस से

सिर्फ वुहान सहित हुबेई प्रांत में ही संक्रमण फैला जबकि उसके पास का शंगाई और उसके आसपास के शहर बच गए। वुहान से दूर बसे देश इटली, ईरान, स्पेन, अमरीका, फ्रांस, भारत सहित कई देशों में संक्रमण फैल गया। यह चीन की साजिश है इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।

कोई शक न करे इसलिए चीन कर रहा मदद

कोई सवाल न उठाए इसलिए चीन ने इटली, स्पेन और संक्रमित अन्य देशों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। यहां तक कि स्पेन को भेजे गए जांच किट की क्वालिटी तक खराब है जिसे स्पेन ने वापस भेजने का निर्णय लिया है। दरअसल, चीन यह समझने लगा है कि कहीं दूसरे देश उससे व्यापारिक संबंध न तोड़ दे। क्योंकि दूसरे देशों में चाइना मेड आइटम बहुतायात में बिकते हैं।

अपनी परेशानी बताने का क्या था मकसद

चीन में फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि तक पर प्रतिबंध है। चीन ने खुद अपनी सोशल साइट्स बना रखी है। यानी चीन अपना हर राज छुपा कर रखता है। चीन में क्या चल रहा है उस बारे में कोई नहीं जान पाता है। वहां के मीडिया में भी उतनी ही खबर आती है जितनी चीन की सरकार बताती है। भारत की तरह वहां लोकतंत्र नहीं है। वहां सरकार की आलोचना कोई नहीं कर सकता। लेकिन चीन में फैले कोरोना की खबरें और उनकी फोटो वहां की सरकार दुनियाभर में जगजाहिर करती है कि देखों चीन कितना परेशान है। क्या यह साजिश नहीं लगती?

WHO और चीन क्यों मिला रहे हैं सुर

WHO और चीन के सुर मिलाने के पीछे क्या कारण है? WHO कोरोना को लेकर भारत सरकार की और से उठाए जा रहे प्रयासों की कई बार प्रशंसा कर चुका है। भारत में भी अब तक 37 लोग संक्रमण से मर चुके हैं जबकि 1100 लोग संक्रमित है। भारत में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है।  दुनियाभर में 50 से ज्यादा देशों में लॉकडाउन है।

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