कोरोना : भारत पर टिकी दुनिया की नजर

भारत में भी कोरोना से मौतें बढ़ती जा रही हैं। दुनिया की नजर भी अब भारत पर टिक गई है। ऐसा लगता है जैसे दुनिया के सभी देशों के बीच कोई मौत की स्पर्धा चल रही है। अधिकतर देशों में वहां की सरकारों को कोसा जा रहा है। वहां की चिकित्सा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अमरीका जैसे देश के पास मास्क, ग्लब्स और पीपीई किट तक की कमी हो गई है। अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प मलेरिया की दवा भारत से मांग कर रहा है जबकि भारत खुद कोरोना से जूझ रहा है। अमरीका में अकेले न्यूयॉर्क में 4 हजार लोग मर चुके हैं और वहां के मेयर ट्रम्प की बदइंतजामी पर उन्हें रोज कोस रहे हैं। इटली में भी यही हाल है। इटली के राष्ट्राध्यक्ष ने तो यहां तक का दिया है कि अब इटली को कोई नहीं बचा सकता। इटली की बेहतर चिकित्सा व्यवस्था पर तो सवाल भी नहीं उठाया जा सकता। फिर भी इटली कोरोना को समझने में नाकाम रहा। इसका एक कारण वहां के लोग भी है जो लॉकडाउन का उल्लंघन करने से बाज नहीं आए जिसकी सजा इटली भुगत रहा है।

कोई नहीं चलना चाहता इटली के नक्शेकदम पर

इटली की गलतियां कोई देश दोहराना नहीं चाहता। इटली ने तो चीन पर कोरोना की आफत आई थी तब कई टन पीपीई किट चीन को दान कर दिए थे। अब वही पीपीई किट चीन इटली को बड़े दाम में बेच रहा है। उधर, चीन की घटिया जांच किट स्पेन ने ठुकरा दी है। स्पेन में भी कई गलतियां हुईं जिसके कारण मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। फ्रांस में भी यही हाल है। इन सभी देशों में सरकारों को दोष दिया जा रहा है। इन देशों में भारत के मुकाबले आबादी बहुत कम है। ऐसे में दुनिया की नजर भारत पर है कि यहां कोरोना से कितने लोग मारे जाएंगे।

मौत का ग्राफ रोकने के लिए उठाया था कदम
 मौत के ग्राफ को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। उसके बाद भारत में भी कई गलतियां उजागर होने लगी। कहीं लॉकडाउन टूटता नजर आया तो कहीं मजदूरों का पलायन। कहीं मस्जिदों में नमाज पढ़ी जा रही थी तो कहीं जमात जमी हुई थी। जबकि भारत सरकार की ओर से कोरोना से युद्ध लड़ने में कोई कमी नहीं छोड़ी गई। यहां तक कि लॉकडाउन के बाद जनता को तकलीफ न हो इसके लिए भी व्यवस्थाएं की गईं।
हालांकि यह भी तय है कि अगर भारत में मौत का ग्राफ नहीं थमता है तो देश में कई परिवार हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे। उस वक्त इसका दोष शायद सरकार को ही दिया जाएगा। फिलीपींस ने तो लॉकडाउन तोड़ने पर गोली से उड़ाने तक के आदेश दे दिया है। कम से कम भारत में ऐसा आदेश तो नहीं दिया। यहां लोगों के पास खाद्य वस्तुएं घर और अपनी गली तक पहुंच रही है। इस वक्त चाहे केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकारें सभी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ऐसे में किसी को राजनीति भी नहीं करनी चाहिए। 

नहीं तो दूसरा नजारा होता भारत में

अगर समय रहते लॉकडाउन नहीं किया जाता तो भारत में अभी मौत का दूसरा ही नजारा दिखाई देता। भारत के पास इतनी ज्यादा चिकित्सा सुविधाएं नहीं थीं जो लॉकडाउन नहीं किया जाता। लेकिन भविष्य के लिए इस पर जोर देने की आवश्यकता है। भारत सरकार की ओर से उठाए गए कदम की विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सराहना कर चुका है। हालांकि अभी भी देश में ज्यादा से ज्यादा जांच करने की आवश्यकता है जिससे जल्द से जल्द संक्रमित लोगों की पहचान हो सके। ताकि इटली जैसे हालात को रोक जा सके। क्योंकि देश में अब तेजी से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। साथ ही संक्रमितों की संख्या भी बढ़ रही है।

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