petrol : इतिहास में पहली बार जब पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं गिर रहे
petrol diesel price : देश के इतिहास में पहली बार हुआ है जब पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस सिलेंडर के दाम इस कदर बढ़ रहे हैं जबकि देश के लोग कोरोना महामारी ( corona pandemic ) से जूझ रहे हैं। पेट्रोल के दाम के शतक लगने के बाद भी अभी नाबाद पारी जारी है। यह पारी कहां जाकर रुकेगी यह कहना मुमकिन नहीं।
डीजल के दाम बढ़ने से इसका सीधा असर खाद्य पदार्थों की कीमतों पर भी नजर आ रहा है। अगर हम कुछ वर्ष पीछे जाएं तो रसोई गैस सिलेंडर के दाम भी मालूम चल जाएगा। फिलहाल जिस तरह की स्थिति है उससे यह लग रहा है कि आम जनता की जेब जबर्दस्ती काटी जा रही है। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार मूल्य वृद्धि रोकने में वैसे ही नाकाम होती दिख रही है जैसे कोरोना की दूसरी लहर।
भारतीय जनता पार्टी के झंडे |
आम जनता मूल्य वृद्धि से पूरी तरह त्रस्त है लेकिन केंद्र सरकार से ज्यादा विपक्ष मस्त नजर आ रहा है। केंद्र में जब कांग्रेस सरकार का राज हुआ करता था उस वक्त भाजपा विपक्ष में रहकर जिस तरह से सड़क पर उतर कर हंगामा करती थी वैसा हंगामा कहीं पर नहीं दिख रहा है। इस मामले में विपक्षी दल पूरी तरह विफल है। अगर विपक्ष यह मान चुका है कि केंद्र की मोदी सरकार मूल्य वृद्धि और कोरोना जैसे मामलों में सफल नहीं होने के कारण मतदाता विपक्ष को 2024 में सत्ता में ले आएंगे तो यह उनकी गलतफहमी है। क्योंकि मोदी सरकार ने ऐसे कई काम भी किए हैं जो आम जनता के दिलोंदिमाग में घर कर गए हैं। जो काम कांग्रेस शासन में कई साल लटके रहे, उन्हें मोदी सरकार ने एक झटके में पूरे कर दिए। आम जनता यही चाहती है कि केंद्र में कोई ऐसी सरकार रहनी चाहिए जो तुरंत फैसला लें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
1. पेट्रोल ने रचा इतिहास
पेट्रोल का यह हाई जम्प ऐतिहासिक है। पेट्रोल के दाम प्रतिलीटर 100 रुपए के पार पहुंच गया है। हाल यह है कि अभी भी मूल्य वृद्धि रुकने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र सरकार मूल्य वृद्धि के मामले में चारों खाने चित्त हो गई है। न केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ही इस जवाब दे पा रहे हैं, न ही केंद्र का अन्य कोई मंत्री। ऐसा लग रहा है जैसे मूल्य मृद्धि रोकने के लिए कोई कदम ही नहीं उठाना चाहता। लेकिन यह आम जनता के लिए बेहद घातक साबित होता जा रहा है।
2. केंद्र की मोदी सरकार विफल
भारत में कोरोना की दूसरी लहर लगभग उतर चुकी है लेकिन देशवासी तीसरी लहर के आने की आहट से आतंकित भी है। क्योंकि दूसरी लहर में लोग लाशों के ढेर मंजर देख चुके हैं। कहा जा रहा है कि तीसरी लहर इससे भी भयावह होगी। हालांकि देश में कोरोना टीकाकरण का काम जोर शोर से चल रहा है लेकिन अभी भी देशी की आधी आबादी का भी टीकाकरण नहीं हो पाया है। इस बीच लगातार पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस के दामों में बेतहाशा वृद्धि होती गई लेकिन इस दौरान हर किसी का ध्यान सिर्फ कोरोना की दूसरी लहर में ही लगा रहा है। अब आम जनता की ध्यान पेट्रोलियम पदार्थों की तरफ आया तो यह महामारी से भी ज्यादा खतरनाक नजर आ रही है।
कांग्रेस पार्टी के झंडे |
3. विपक्ष का नाकारापन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी |
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