स्लमडॉग: उत्साह व जोश का 'टॉनिक'

बेंगलूरु (कर्नाटक) से

कोडक थिएटर में स्लमडॉग मिलियनेयर के ऑस्कर के लिए सर्वश्रेष्ट फिल्म की घोषणा के साथ ही अभिनेता अनिल कपूर, इरफान खान, फरीदा पिंटो, देव पटेल व उनके साथी कलाकार जिस तरह से मंच पर मुस्कराते हुए चढे, उसे देख यकीन होने लगा की आज भारतीय कलाकारों के साथ कुछ अच्छा होने वाला होने वाला है. हुआ भी कुछ ऐसा ही चमत्कार. वास्तव में कुछ बात तो है इस फिल्म में. जो लोगों को उत्साह और जोश का 'टॉनिक' दे रहा है. भारतीय दर्शकों ने तो पहले से ही भविष्यवाणी शुरू कर दी थी कि ऑस्कर में 'जय हो' होने वाली है. जिसे झुठलाया नहीं जा सकता. अनिल कपूर को शायद इतने खुश तो उस वक्त भी भी नहीं दिखे थे, जब उन पुकार फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था. लेकिन उनके चेहरे पर यह ख़ुशी जायज थी. उन्हें ख़ुशी इस बात की भी थी, क्योंकि ऑस्कर जीतने वाली फिल्म में काम किया. इससे एक बात तो साबित हो गई है कि भारतीय कलाकारों में कला के प्रति जबरदस्त जज्बा है और उसे कोई नहीं रोक सकता. लगातार प्रयासों के बाद आज परचम लहराया है, जो आगे भी जारी रहेगा ऐसी उम्मीद करनी चाहिए. हमें निर्देशक डैनी बोयल का शुक्रिया अदा करना चाहिए. जिनकी बदोलत फिल्म ने एक-एक कर लगातार आठ पुरस्कार अपनी झोली डाले. दो ऑस्कर अपने नाम करने वाले संगीतकार अल्हा रक्खा रहमान की जय हो.

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