क्या एक चोर दूसरे को बता रहा है चोर
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक बात घर कर गई है कि इस देश को सिर्फ कांग्रेस ही चला सकती है और कांग्रेस ही अच्छा शासन दे सकती है। लेकिन वे ये भूल गए हैं कि यूपीए 2 के दौरान हुए घोटाले आज भी देश की जनता को याद है। साथ ही उन्हें ये भी याद होना चाहिए कि वे अन्ना हजारे के आंदोलन को नहीं रोक पाए थे। यहां तक कि योग गुरु बाबा रामदेव के आंदोलन को अर्धरात्रि में अंग्रेजों सी दमनकारी नीति की तरह कुचला गया था। वे ये भी भूल गए हैं कि निर्भया कांड के बाद नई दिल्ली में नौजवानों के आंदोलन को रोकने के लिए दमनकारी कदम उठाए गए थे। वे सब आज भी जनता को याद है। यूपीए 2 के शासन के घोटाले इतिहास में कभी नहीं भुलाए जा सकते जैसे आज तक बोफोर्स घोटाले को नहीं भुलाया जा सका। राहुल गांधी भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए 'चौकीदार चोर है' का नारा लगा रहे हो लेकिन उनको याद रखना चाहिए कि भीतर ही भीतर यह नारा 'चोर का बेटा चोर है' बनता जा रहा है। अगर यही नारा गली गली में गूंजने लगे तो क्या वे यह सहन कर पाएंगे। कांग्रेस को लगातार दूसरा मौका इसलिए दिया गया था कि ताकि वे बेहतर शासन दे सकते। लेकिन सोनिया गांधी व राहुल गांधी अपने ही ढंग से सरकार को चलते रहे और गलतियों को सुधारने की कभी कोशिश ही नहीं की। सत्ता से बाहर होने का भी कारण यही था। अब अगर मोदी और उनकी सरकार को गलत साबित करना है तो उनको सबूत के साथ जनता के सामने आना ही होगा। खैर, राहुल गांधी पर खुद पर कोर्ट में मामला चल रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री पर कीचड़ उछालना ठीक नहीं कहा जा सकता।
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