शहीदों के परिवारों को भड़काने का काम कर रहे राहुल गांधी

ऐसा नहीं है कि सरकार के पास इसके 'सबूत' नहीं होंगे। विपक्षी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं ताकि किसी भी तरह से लोकसभा चुनाव जीता जा सके। विपक्षी यह भी कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय सेना के शौर्य का क्रेडिट खुद ले रहे हैं। सवाल है कि उनको इसका 'क्रेडिट' क्यों नहीं लेना चाहिए? इसका जवाब यही है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्यों कोस रही थी? उन्होंने इस 'जिल्लत' सहन किया उसके बाद ही तो पाकिस्तान को जवाब दिया फिर उनको 'क्रेडिट' क्यों नहीं लेना चाहिए? बल्कि विपक्षी दलों को सबूत मांगने की बजाय इस कदम की सराहना करनी चाहिए थी। जैसे भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 'दुर्गा' कहकर किया था।
अगर विपक्षी ऐसा करते तो पाकिस्तान को इसका अलग संदेश जाता। वहां भारत में एयर स्ट्राइक पर मची फूट का बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। दुनिया के कई देश आज आतंक के खिलाफ खड़े हैं वहीं भारत के नेता अलग-थलग नजर आ रहे हैं। एयर स्ट्राइक का सबसे बड़ा सबूत यही है कि भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भारतीय वायुसीमा में अपने तीन लड़ाकू विमान F-16 भेजे थे और सैन्य चौकियां तबाह करना चाहते थे। लेकिन भारतीय वायुसेना के सतर्क होने के कारण उनके F-16 चूक गए। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 से एक F-16 को मार गिराया। इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है? लेकिन राहुल गांधी अपने बयानों से शहीदों के परिजनों को भड़का कर क्या साबित करना चाहते हैं?
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