तबलीगी जमात की पूरे हिंदुस्तान में कोरोना फैलाने की थी साजिश?
अपनी जान की परवाह न करते हुए डॉक्टर कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इटली में इलाज करने के दौरान संक्रमित होने से अब तक 66 डॉक्टरों की मौत हो गई हैं। इस वक्त दुनियाभर में सिर्फ डॉक्टर ही भगवान के रूप में नजर आ रहे हैं। इधर, तबलीगी जमात मरकज से निकाले गए लोगों में से बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये कोरोना पॉजिटिव डॉक्टरों के साथ न सिर्फ बदसलूकी कर रहे हैं बल्कि उनके ऊपर थूक भी रहे हैं। इससे डॉक्टरों की जान पर भी खतरा मंडराने लगा है। अगर वे इसी तरह से डॉक्टरों पर थूकते रहे तो यह संक्रमण उनमें भी फैल सकता है।
लॉकडाउन के बावजूद तब्लीगी जमात मरकज में डटे मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे हिंदुस्तान में कोरोना फैलाना चाहते थे? उनके मंसूबों से तो ऐसा ही लगता है। यहां देश के 16 राज्यों से लोग आए थे। लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही छोटे-बड़े सभी मंदिर बंद हो गए थे। यहां तक कि धार्मिक आयोजन भी निरस्त कर दिए गए। नवरात्र में जो मंदिर आबाद रहते थे उनके कपाट बंद रहे। इतना ही नहीं तिरुपति मंदिर तक बंद है। लेकिन लॉकडाउन के बाद भी मस्जिदों को बंद नहीं किया गया। प्रशासन ने दबाव डाला तो मस्जिदों में 5 लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई। फिर उसके बाद लोग मोहल्लों में एक छत पर इकट्ठे होकर नमाज पढ़ने लगे। प्रशासन ने इस पर भी पाबंदी लगा दी। क्योंकि हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग अपनाना अनिवार्य है। कोरोना न तो किसी का धर्म देखकर होगा न किसी जाति और न ही अमीरी गरीबी। पीएम नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि यह महामारी किसी को भी हो सकती है।
तबलीगी जमात पर लगाना चाहिए प्रतिबंध
तबलीगी जमात मुसलमानों को क्या सीख देती है? इसकी जांच पड़ताल करके उस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी लॉकडाउन के बावजूद तबलीगी जमात मरकज में एकत्रित रहने की इस हरकत को तालिबानी बता चुके हैं। बहुत से मुसलमान तबलीगी जमात के विरुद्ध बोलते रहे हैं। ऐसी कोई न कोई बात जरूर है जो अभी तक बाहर नहीं आई है जिसकी शिक्षा यहां दी जाती है।
दुनिया में 50 करोड़ से अधिक सदस्य
दुनियाभर में तबलीगी जमात के सदस्य 50 करोड़ से अधिक बताए जाते हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित और भी कई देशों में तबलीगी जमात की शाखाएं हैं। जहां बड़े बड़े आयोजन होते हैं लेकिन उसमें कई ऐसी बातें भी सिखाई जाती हैं जिनका कुरआन या इस्लाम से वास्ता नहीं है। ऐसे में लोग यहां आकर अपने मार्ग से भटक जाते हैं।
लॉकडाउन के बावजूद तब्लीगी जमात मरकज में डटे मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे हिंदुस्तान में कोरोना फैलाना चाहते थे? उनके मंसूबों से तो ऐसा ही लगता है। यहां देश के 16 राज्यों से लोग आए थे। लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही छोटे-बड़े सभी मंदिर बंद हो गए थे। यहां तक कि धार्मिक आयोजन भी निरस्त कर दिए गए। नवरात्र में जो मंदिर आबाद रहते थे उनके कपाट बंद रहे। इतना ही नहीं तिरुपति मंदिर तक बंद है। लेकिन लॉकडाउन के बाद भी मस्जिदों को बंद नहीं किया गया। प्रशासन ने दबाव डाला तो मस्जिदों में 5 लोगों को नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई। फिर उसके बाद लोग मोहल्लों में एक छत पर इकट्ठे होकर नमाज पढ़ने लगे। प्रशासन ने इस पर भी पाबंदी लगा दी। क्योंकि हर जगह सोशल डिस्टेंसिंग अपनाना अनिवार्य है। कोरोना न तो किसी का धर्म देखकर होगा न किसी जाति और न ही अमीरी गरीबी। पीएम नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि यह महामारी किसी को भी हो सकती है।
तबलीगी जमात पर लगाना चाहिए प्रतिबंध
तबलीगी जमात मुसलमानों को क्या सीख देती है? इसकी जांच पड़ताल करके उस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी लॉकडाउन के बावजूद तबलीगी जमात मरकज में एकत्रित रहने की इस हरकत को तालिबानी बता चुके हैं। बहुत से मुसलमान तबलीगी जमात के विरुद्ध बोलते रहे हैं। ऐसी कोई न कोई बात जरूर है जो अभी तक बाहर नहीं आई है जिसकी शिक्षा यहां दी जाती है।
दुनिया में 50 करोड़ से अधिक सदस्य
दुनियाभर में तबलीगी जमात के सदस्य 50 करोड़ से अधिक बताए जाते हैं। पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित और भी कई देशों में तबलीगी जमात की शाखाएं हैं। जहां बड़े बड़े आयोजन होते हैं लेकिन उसमें कई ऐसी बातें भी सिखाई जाती हैं जिनका कुरआन या इस्लाम से वास्ता नहीं है। ऐसे में लोग यहां आकर अपने मार्ग से भटक जाते हैं।
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